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बुधवार, सितंबर 20

भाषा का बदलता स्वरूप

जगदीश बाली
9418009808
किसी के बात-चीत के अंदाज़ से काफ़ी हद तक उसके व्यक्तित्व का अंदाज़ा लगाया जा सकता है क्योंकि हर एक का अंदाज़-ए-बयाँ अपना अपना होता है। परन्तु धीरे-धीरे हमारी आम बात-चीत में फ़ूहड़ता और भद्दापन आम हो गया है|
कुछ रोज़ पहले एक शाम रोज़ाना की तरह टहल रहा था। टहलते टहलते एक छोटॆ से मैदान के पास से गुज़रना हुआ। वहां कुछ बच्चे खेल रहे थे। तभी मैने देखा एक छोटा सा बच्चा अपनी बहन के साथ झगड़ रहा है। बच्चे की उम्र कोई छः साल और उसकी बहन की उम्र तकरीबन आठ साल प्रतीत हो रही थी। झगड़ते झगड़ते अचानक बच्चे ने अपनी बहन को धक्का दिया और बोला - 'साली मा... लौ... ।' बच्ची तो गिरते-गिरते बची और मम्मी, मम्मी चिल्लाने लगी, पर मैं उस नन्हें से बालक के मुंह से इन शब्दों को सुन कर हक्का बक्का रह गया। मैंने बच्चे को डांटते हुए कहा - 'गंदी बात करता है। ऐसा भी कोई बोलता है क्या?' बच्चा वहां से भागता हुआ बोला - 'जब पापा मम्मी से लड़ते हैं, वो भी तो मम्मी को ऐसा ही बोलते हैं।' ज़ाहिर है बच्चे ने ये भाषा अपने घर में ही सीखी होगी। इसमें बच्चे का दोष नहीं क्योकिं उसे तो ये मालूम भी नहीं होगा कि जो उसने कहा उसके मायने क्या क्या थे। जन्म लेते ही कोई बच्चा बोलना थोड़ी शुरू कर देता है।
दरअसल हमारी रोज़ाना की भाषा में फूहड़पन और अभद्रता आ गयी है। अकसर बच्चे बड़ों के द्वारा इस्तेमाल की गयी भाषा को बड़ी जल्दी अपना लेते हैं। पैंट-कोट-टाई पहने हुए दो जेंटलमैन यार जब मिलते हैं, तो उनके सम्बोधन मैं भी भाषा का बिगड़ा हुआ मिज़ाज़ झलकता है। एक कहता है - ’और भई मा ... ।’ दूसरा जवाब यूँ ज़वाब देता है - ठीक हूँ भई पैं ... ।' आत्मीयता मेँ वे भूल जाते हैं की उनके आस-पास भी दुनिया बसती है। अगर निकट कोई बच्चा हो तो बात दूर तलक पहुंच जाती है। उसे लगता है कि है शायद अपनेपन में ऐसा ही कहना चाहिए। हिंदी फ़िल्मों के संवादों व गानों में तो अब इस तरह की अलंकृत भाषा का इस्तेमाल आम होता जा रहा है।
वैसे बात-चीत के बिगड़े हुए बोलों से आप  विद्यालयों मेँ भी रू-ब-रू हो सकते हैं। मज़े की बात ये है कि छात्र ताबड़तोड़ इन एक्सपलेटिवज़ का इस्तेमाल करते हैं और उन्हें अहसास तक नहीं होता कि वे क्या बोल रहे हैं। कई बार तो गुरु लोग भी इनका इस्तेमाल करने में मज़बूर दिखते हैं। वे बेचारे भी क्या करें - ज़ुबान पर जो चढ़ गई है ये निगोड़ी ज़बान। किसी आम शौचालय की दीवारों पर जो कुछ लिखा मिलता है, वो लिखने वालों के अंदर छुपे मैल को दर्शाती है। कुछ महाशय अपने अंदर छुपी हुई इस शैतानी को शेर लिख कर भी दर्शाते हैं। कहते हैं कई बार तो ये महाशय मौका पा कर महिलाओं के शौचालयों में घुस कर भी अपनी सृजनात्मकता का उदाहरण प्रस्तुत करते हैं। ये देख कर छोटे बच्चे भी ऐसी भाषा सीख जाते हैं और छोटे मियाँ कई बार दो कदम आगे निकल जाते हैं - बड़े मियाँ तो बड़े मियाँ, छोटे सुभान अल्लाह। 
बच्चे छोटे ज़रूर होते हैं, पर उनके कान लंबे होते हैं अर्थात बच्चे इस बात के प्रति सचेत होते हैं कि माँ-बाप के बीच क्या बातें चल रही हैं। अगर माता-पिता अपने बच्चे को किताबों को सही क्रम में अल्मारी में रखने के लिए कहता है, तो वह इस बात को नज़र अंदाज़ कर सकता है, मगर माता-पिता के बीच होने वाले संवाद के प्रति वे बड़े सचेत होते हैं। दोनों के बीच चल रहे वाद-विवाद, आक्रामक बहस व कहा-सुनी को वे बड़े ग़ौर से सुनते हैं। अगर दोनों के बीच यह अकसर होता रहे, तो बच्चे की वाक्शैली पर इसका प्रभाव अवश्य नज़र आता है।
जिस भाषा में बड़े बात करते हैं, जिस लहज़े और अंदाज़ में बड़े बोलते हैं, वही भाषा और अंदाज़ बच्चों का भी हो जाता है। बच्चे को किसी भी भाषा वाले माहौल में डाल दिया जाए, वह उस भाषा को बिना किसी औपचारिक पढ़ाई के ही सीख जाता है। वे अकसर वही भाषा बोलते हैं, जो वे बड़ों को कहते हुए सुनते हैं। यदि वे बड़ों को गाली-ग़लोज़ करते हुए सुनते हैं, तो वे भी गाली देना सीख जाते हैं; यदि बड़े गुस्से में चिल्लाते हैं, वे भी चिल्ला कर बोलना सीख जाते हैं। उन्हें कई शब्दों के मायने भी पता नहीं होते, परन्तु वे उनका प्रयोग कर लेते हैं। वे ऐसे-ऐसे शब्दों का प्रयोग कर लेते हैं, जिन्हें सुन कर घर के बड़े सन्न रह जाते हैं। कई बार तो वे टॉयलैट में लिखी अश्लील भाषा के बारे में भी पूछ लेते हैं। दरअसल बड़ों के द्वारा प्रयोग की गई आक्रामक, गंदी व अश्लील भाषा जुकाम की तरह फ़ैलती है - बड़े से बच्चे को, बच्चे से बच्चे को और फिर सारे बच्चों को। 
भाषा का ज्ञान न होना अलग बात है, परन्तु फूहड़ और अभद्र भाषा का नियमित तौर पर इस्तेमाल समाज में बढ़ रहे छिछोरेपन व विकृत  मानसिकता को दर्शाता है। मैं हिंदी दीवस पर अपनी भाषा की पैरवी करने वाले भाषा के पंडियों से ये नहीं पूछूंगा कि हिंदी की पैरवी करने वाले कितनों को मालूम है कि कवर्ग के बाद टवर्ग आता है या चवर्ग। मुझे इससे भी कोई गिला नहीं कि हिंदी की पैरवी करते-करते कितने ’गांधी’ को ’घांदी’ और ’गधा’ को ’घदा’ बोलते हैं, ’नाले’ को ’नाड़ा’ बोलते हैं। मैं इतनी इल्तज़ा ज़रूर करूंगा कि भाषा के बिगड़ते मिज़ाज़ पर भी कुछ चर्चा कर लें, तो शायद आने वाले समय में कम से कम आम बोल-चाल में फ़ूहड़पन कुछ तो कम होगा। लेखक जेम्ज़ रोज़ोफ का कहना है - 'भाषा की फूहड़ता बढ़िया मदिरा की तरह होता है, जिसका इस्तेमाल एक ख़ास समूह मेँ ख़ास समय पर ही किया जा सकता है।‘

गुरुवार, सितंबर 22

कनिका अग्रवाल नासा के लिए चयनित

हिमाचल प्रदेश के शिमला जिला के कुमारसैन पंचायत की कनिका अग्रवाल नासा के लिए चयनित हुई है। वह नासा जा कर हिमचाल का नाम रौशन करेगी। पिछले दिनों दिल्ली में स्पेस डवेलप्मेंट नेक्सस द्वारा आयोजित प्रतियोगिता में कनिका का चयन देश के 18 प्रतिभागियों के साथ हुआ जो अब अमेरिका जाकर नासा में अपनी प्रस्तुति देंगे। स्पेस डवेलप्मेंट नेक्सस में कनिका ने नासा रोवर प्रैक्टिकल ट्रैनिंग कैंप दिल्ली एनसीआर में दस दिनों का प्रशिक्षण प्राप्त किया। जिसमें उन्होने मूनबगगी (रोवर डिजाइन) को बनाना सीखा। नासा के नियम व विनयमों के अनुसार चंद्रमा की सतह पर चलने के बारे में बताया गया ! कनिका अगले वर्ष अप्रैल 2017 में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व करने के लिए हंटसविल्ले अलबामा संयुक्त राज्य अमेरिका जाएंगी। कुमारसैन के व्यवसायी विनोद अग्रवाल की बेटी कनिका अग्रवाल ने यह उपलब्धी हासिल कर कुमारसैन के साथ पूरे प्रदेश का नाम रोशन किया है। अपनी सफालता का श्रेय कनिका ने अपने माता पिता के साथ शिक्षकों को दिया है। कनिका ने दसवीं की परीक्षा जहां सरस्वती विद्या मंदिरकुमारसैन से उतीर्ण की वहीं कोटेश्वर पब्लिक स्कूल कुमारसैन से जमा दो करने के बाद पंजाब में एरोनोटिक इंजीनियरिंग पास की।
newsviewspost.com में नीरज सोनी

गुरुवार, दिसंबर 24

ग्राम पंचायत शलौटा विकासखण्ड नारकण्डा अंजु मंगल

चुनाव की इस पावन बेला पर ग्राम पंचायत शलौटा की प्रबुद्ध जनता को मेरा सहर्ष व सादर प्रणाम!
मेरा सभी वर्ग के लोगों जिसमे विशेषकर युवा वर्ग महिला वर्ग व मेरे पंचायत की अमूल्य धरोहर सम्माननीय तथा विशेषकर बुजुर्ग वर्ग तथा यहां की प्रबुद्ध जनता से आग्रह है कि मुझे अपना कीमती वोट देकर एक बार इस पंचायत की सेवा करने का मौका प्रदान करें जी!
मै अपने कार्यकाल मे बतौर प्रधान नहीं आपकी सेविका के रूप मे आपकी समस्याओं को सुलझाने के लिए हमेशा तत्पर रहूगीं साथ ही इस वायदे के साथ की अपना भरपूर समय पंचायत के हित मे लगाऊंगी!
अपनी पंचायत को हाईटेक करना ताकि आप हिमाचल प्रदेश या भारत के किसी भी स्थान पर हो आपको अपनी पंचायत की जानकारी तुरंत व तत्काल मिलती रहे तथा साथ ही परिवार नकल व राशनकार्ड जैसे आवश्यक दस्तावेज वहीं पर लोकमित्र केद्र व सुगम केद्र से प्राप्त हो सके!!
मेरा प्रयास मेरी पंचायत को दोहरी प्राथमिकता देने पर होगा जिसमे एक तरफ लोगों की उनन्ति व तरक्की के मार्ग को प्रबल बनाना तथा दूसरी तरफ सरकारी अधिकारियों के साथ सामजस्य की स्थिति बनाकर पंचायत के विकास की गति को बढा़वा देना!
न रहे कोई उपेळित ,न रहे कोई भी हीन,विकास सबका बराबर हो चाहे दुखी हो या दीन!वास्तव मे मेरा एजैंडा पंचायत के विकास से सम्बन्धित होगा जिसके तहत गांवों मे स्वच्छता को बढ़ावा देकर अपने कल को साफ सुथरा बनाने पर होगा!तथा गंवो के रास्तों को पक्का करने के साथ ही गावों की गलियों को पक्का करना !मनरेगा की वास्तविक जानकारी मुहैया करवाकर ळेत्र की प्रगति पर बल देना तथा प्रत्येक वार्ड की समस्याओ को वहीं जाकर सुना जाए तथा लोगों को समय के बचाव के साथ घरद्वार पर पंचायत मुहैया करवाई जाए!
सड़कों के विनिर्माण के लिए सरकार को अवगत करवाकर कार्य को शीघ्र ही निपटाया जाए!इसी उम्मीद के साथ आपकी आभारी रहूंगी!
आपकी सेविका अंजु मंगल 
ग्राम और ग्राम पंचायत शलौटा
विकासखण्ड नारकण्डा!

बुधवार, दिसंबर 23

बड़ागाँव पंचायत उप प्रधान पद के लिए राजेश नलवा

बड़ागाँव पंचायत से एक बार फिर से उप प्रधान पद के लिए आपके अपने जाने पहचाने राजेश नलवा को सिलाई मशीन निशान के ऊपर मोहर लगा कर विजयी बनाये।

प्रधान प्रत्‍याशी बड़ागांव सुरेन्‍द्र गुप्‍ता

VOTE AND SUPPORT  ELECT 

BDC प्रत्‍याशी पराली जरोल हरीश निराला


अपील प्रत्‍याशी प्रधान पद मलैण्‍डी दुनी चन्‍द ( विक्‍की)

जय मां देरठू जय कालेश्‍वर महादेव के चरणों की मैं हूं धूल
विनम्र निवेदन है आपसे वोट देना न जाना भूल
                अपील
                       ग्राम पंचायत मलैण्‍डी के आदरणीय और प्रबुद्ध मतदाता
बहनों भाईयों और माताओं। मैं इस पंचायत से प्रधान पद के लिए प्रत्‍याशी हूं। इस अपील के माध्‍यम से मैं आपसे वादा कर रहा हूं कि मैं पंचायत के विकास के लिए हमैशा तत्‍पर रहूंगा और जो भी कार्य मेरे संज्ञान में लाया जाऐगा उसे मैं पूरी निष्‍ठा से पूर्ण करने का प्रयास करूंगा।
आपको विश्‍वास दिलाना चाहता हूं कि क्ष्‍ेात्र के लम्बित पड़े कार्यों को पंचायत के माध्‍यम से पूर्ण करने का प्रयास किया जाऐगा। पंचायत का सम्‍पूर्ण विकास किसी भी पूर्वाग्रह से उपर उठ कर पूरा करने का आपको मैं विश्‍वास दिलाता हूं ।
मेरी प्राथमिकता रहेगी
ग्राम पंचायत मलैण्‍डी के तहत वार्डो के भीतर बनी विभिन्‍न सड़कों के मुरम्‍मत का कार्य पूर्ण करवाना, मलैण्‍डी पंचायत के तहत मनरेगा को दुबारा शुरू करवाना, गांव के भीतर रास्‍तों की व्‍यवस्‍था को सुचारू करना, प्रकाश व्‍यवस्‍था करना, बस व्‍यवस्‍था का नि‍यमित करवाना ।
मैं युवा हूं काम करने का जज्‍बा है तथा आपके आशीर्वाद से मैं ग्राम पंचायत का विकास सम्‍भव कर पाऊंगा।
मेरा चुनाव चिन्‍ह टेबल फेन है ।  कृपया अपना आशीर्वाद प्रदान करके मुझे ग्राम पंचायत के प्रधान पद के लिए सफल बनायें। सदैव आपका आभारी रहूंगा।
निवेदक
दुनी चन्‍द ( विक्‍की)

प्रत्‍याशी प्रधान पद 

अपील जिला परिषद प्रत्‍याशी -- कृष्‍णा कौशल

अपील
विकास खण्‍ड नारकण्‍डा, जिला परिषद वार्ड कुमारसैन की ग्राम पंचायत कुमारसैन, डीव, जार, मलैण्‍डी, करेवथी, शलौटा, भरैड़ी, बड़ागांव, बनाहर, शिवान, जन्‍जैली, मोगड़ा, कांगल और कोटीघाट से जिला परिषद के लिए
उम्‍मीदवार हूं । मैं सभी बुजुर्गो, नौजवानों, माताओं बहनेां और भाईयों से निवेदन करती हूं कि मुझे अपना बहुमूल्‍य वोट देकर सफल बनायें।
मैं पहले भी अपनी  ग्राम पंचायत शिवान में दो बार प्रधान पद पर सेवा कर चुकी हूं और मुझे कार्य करने का अनुभव प्राप्‍त है। मैं आपको विश्‍वास दिलाती हूं कि मैं निष्‍पक्ष भाव से सभी पंचायतों का चहुमुखी विकास करने का प्रयत्‍न करूंगी। यदि मुझे आपका पूर्ण समर्थन प्राप्‍त हुआ और मैं विजयी रही तो मैं निम्‍नलिखित मुद्धों पर विशेष ध्‍यान दूंगी -
 1. तैहसील कुमारसैन को उप मण्‍डल बनाना ताकि यहां पर एस डी एम की नियुक्ति       हो सके और लोगों को छोटे छोटे कार्य के लिए रामपुर न जाना पड़े। 
  2. ग्राम पंचायत बड़ा्गांव में उप तैहसील बनाने के लिए पुरजोर मांग की जाऐगी जिसके बनने से कोटीघाट ,            कांगल, जन्‍जैली, मोगड़ा, बनाहर, शिवान, बड़ागांव और भरेड़ी के लोगों को लाभ मिल सके। 
  3. स्‍वास्‍थ्‍य केन्‍द्र शिवान, बनाहर और भरेड़ी का दर्जा बढ़ाकर पी एच सी करवाना ताकि आम लोगों को समय          पर स्‍वास्‍थ्‍य सुविधा प्राप्‍त हो सके।
 4. सभी प्ंचायतों में जहां जहां पानी, बिजली और सड़क की समस्‍या बनी हुई है उनकी समस्‍याओं को            
      प्राथमिकता के आधार पर सरकार के समक्ष रखा जाऐगा।
  5. सभी सर‍कारी संस्‍थानों में रिक्‍त पदों को भरने की मांग सरकार के सामने रखी जाऐगी ।
                     अन्‍त में सभी  बुजुर्गो, नौजवानों, माताओं बहनेां और भाईयों से अनुरोध करती हूं कि मैं इस चुनाव क्षेत्र से दलगत राजनीति से ऊपर उठकर सभी ग्राम पंचायतों के समान विकास के लिए चुनाव लड़ रही हूं और आप सभी को विश्‍वास दिलाती ह‍ूं कि आपकी हर समस्‍यायों को सभी के सहयोग से सरकार के समक्ष रखूंगी और उन सभी मांगो को पूरा करने क प्रयत्‍न करूंगी । मेरा चुनाव चिन्‍ह गैस सिलैण्‍डर है कृपया गैस सिलैण्‍डर पर मोहर लगा कर मुझे अपना आशीर्वाद प्रदान करें। 
निवेदक
कृष्‍णा कौशल 
प्रत्‍याशी जिला परिषद 



बुधवार, अप्रैल 1

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मंगलवार, मार्च 31

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शनिवार, मार्च 7

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शुक्रवार, मार्च 6


गुरुवार, मार्च 5

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बुधवार, मार्च 4

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मंगलवार, मार्च 3

Kumarsain News 03 March 2015