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शुक्रवार, अगस्त 9

बागबानों को 15 दिन में करें भुगतान

कुमारसैन —  प्रदेश में सत्ता पर काबिज रही किसी भी दल की सरकार ने बागबानों के हित के साथ खिलवाड़ किया है। बागबानों की हमेशा अनदेखी हुई है। बागबानों को आज कोई पूछने वाला नहीं है। उनके पास केवल संघर्ष का ही रास्ता है। यह बयान हिमाचल प्रदेश सेब उत्पादक संघ एवं प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष राकेश सिंघा ने नारकंडा में आयोजित एक विशाल रैली में कहे। किसान नेता राकेश सिंघा ने अपने संबोधन में कहा कि जब तक बागबानों की मुख्य मांगें पूरी नहीं होतीं तो सेब उत्पादक संघ व किसान सभा संघर्ष करती रहेगी, चाहे उन्हें बडी़ से बड़ी कीमत क्यों न चुकानी पड़ी। बागबानों के हित को देखते हुए वह शहीद होने को भी तैयार है। सिंघा ने कहा कि अपने संबोधन में आढ़तियों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वह बागबानों की पिछले साल की बकाया राशि को 12 प्रतिशत की ब्याज दर से शीघ्र भुगतान करे और सेब बिकने के 15 दिनों के अंदर बागबानों को पेमेंट दी जाए। किसान नेता राकेश सिंघा ने कड़े तेवर प्रकट करते हुए कहा कि सेब की बोली के लिए सिर्फ सैंपल उतारे जाएं तथा सेब को गड रेट के आधार पर बेचा जाए। उन्होंने कहा कि जरोल टिक्कर के सीए स्टोर व पैकैजिंग हाउस को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा। सिंघा ने सरकार से यह भी मांग उठाई है कि 20 किलोग्राम से अधिक पैकिंग के लिए आढ़तियों को दंडित किया जाए। सिंघा ने रैली को संबोधित करते हुए सरकार से मांग उठाई है कि नारकंडा में आक्षन यार्ड का निर्माण हो। इसके अलावा सेब की पेटी एक प्रतिशत की मार्केट फीस बंद करे। सेब की दुलाई पर 15 प्रतिशत वृद्धि को वापस ले तथा सरकार ढुलाई दरों में नियंत्रित करे। परवाणू बैरियर पर पांच रुपए प्रति पेटी रोड टैक्स यदि सरकार ने वापस नहीं लिया तो वह मंत्रियों का घेराव करेेंगे। प्रदेश किसान सभा के अध्यक्ष राकेश सिंघा ने बागबानों की रैली को संबोधित करते हुए सरकार से मांग उठाई है कि विदेशी सेब पर सीमा शुल्क जारी रहे तथा श्रीलंका, अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्ला देश के माध्यम से विकसित देशों के सेब पर तुरंत रोक लगाए। उन्होंने कहा कि हेलनेट पर दी जा रही 80 प्रतिशत सबसिडी तथा पावर स्प्रेयर व अन्य उपकरणों पर पिछला भुगतान शीघ्र करने की मांग की है। सिंघा ने आढ़तियों व लदानियों पर आरोप लगाया है कि दोनों को मिलीभक्त से सेब के दाम बागबानों को कम दिए जा रहे हैं, जबकि हिमाचल, चंडीगढ़ और दिल्ली से बहार की मंडियों में सेब आज भी 100 रुपए से 120 रुपए बिक रहा है। सिंघा ने आढ़तियों पर आरोप लगाया है कि ये कमीशन एजेंट बागबानों को दबाव में डालकर 40 फीसदी पिटू सेब को कम बेच रहे, जो नियम अनुसार गैर कानूनी है। सिंघा ने इस मामले को लेकर मार्केटिंग कमेटी पर निशाना सादा है कि मार्केटिंग कमेटी कमीशन एजेटों के दबाव में है। जो ऐसी कमीशन एजेंटों पर कोई कानूनी कार्रवाई नहीं कर रही है।

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